तितलियों को पकड़ना उस की आदत थी
हर एक से लड़ना उस की आदत थी
वो जिसको तन्हाई से डर लगता था
मगर तन्हाई में रहना उस की आदत थी
वो मेरे हर झूठ से खुश होता
जिसे हमेशा सच बोलने की आदत थी
वो एक आंसू भी गिरने पर खफ़ा होता था
जिसे तन्हाई में रोने की आदत थी
वो कहता था कि मुझे भूल जाएगा
जिसे मेरी हर बात याद रखने की आदत थी
हमेशा माफ़ी मांगने के डर लगता था
पर गलतियाँ करना उस की आदत थी
वो जो दिल ओ जान निछावर करता था मुझ पे
मगर छोटी सी बात पे रूठना उस की आदत थी
हम उस के साथ चल दिए यह जानते हुए भी
राह में हर एक को छोड़ देना उस की आदत थी।
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Yun to oopar se hasna fitrat thi hamari,
ReplyDeleteBatain aapki palkain nam kar gayin hamari.
This is awesome, Mr. Singh!
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